मयावी द्वार, जसस पार्ट-2

मयावी द्वार- बांकीमौरा, की मयावी दुनिया की द्वार, जिस द्वार को पार करके जसस और उसके दोस्त। अपने मंजिल तक पहुँचना चाहतें हैं। बांकीमौरा, की मयावी दुनिया।
मयावी द्वार, जसस पार्ट-2


मयावी द्वार-
तीनों मिलकर कुछ सोचतें हैं। फिर जसस, माकू और कराली के कानों में कुछ कहता है।
लाल दानव- वह फिर कहता है रैकिरो , रैकिरो, रैकिरो और जोर-जोर से हँस रहा था। आज का नाश्ता बहोत स्वादिष्ट होगा। लगता है, ये तीनों में कुछ ज्यादा ही प्यार है। कि उपर जाते वक्त भी आपस में गले मिल रहें।
वाह! क्या बात? क्या नजारा है?

पर मुझसे यह सहा नही जा रहा है। क्या करूँ? पेट जो खाली है, ना, और ये जिंदा मानव की खुशबू, खुशबू,
वाह! खाने में मसालें की खुशबू,
हॉ, हॉ, हॉ, क्या मैं इनसे पूँछ लूँ। इंतजार की घड़ी कब खत्म होगी।
रैकिरो, रैकिरो, रैकिरो।
रैकिरो– शायद इससे पहले कभी भी किसी के लिए इंतजार नही किया।
वाह! मेरे दोस्त, मेरे मालिक जुकौरा आपकी ये शक्ति और ये लालपन ज्वाला मेरे शरीर में जलता रहे।
ताकि मै अपने दोस्त के लिए सदा दोस्ती के काबिल रहूँ। आपका यह दहशत सदा भरी रहें। आपकी और मेरे छोटे उस्ताद बाँकीमौरा की मयावी दुनिया का कोई भी कुछ भी न बिगाड़ सके।
रैकिरो रैकिरो रैकिरो नाम है मेरा। नही जाने दूँगा यहाँ से यह काम है मेरा।


हॉ हॉ हॉ मुझे भी अपनी दोस्ती है निभानी।
यह द्वार नही है यह मयावी द्वार है।
बहोत-बहोत शुक्रीया मेरे दोस्त आपके द्वारा मेरे नास्तें का बंदोबस्त होगा। ये बेचारें चलें हैं आप से मिलनें
हॉ हॉ हॉ मुझे माफ करियेगा। आप के पास नही आ सकतें हैं। बेचारें।

मयावी द्वार
जसस को समझ में आ गया था कि उसके लंबे बालों में उसकी शक्ति है और वह उन बालों से अपने शक्तिीयों को उर्जावान बनाता है।
क्योंकि वह जैसे ही अपने बालों को फैलता वह बहुत ही क्रोध में आ जाता है और उसका लाल ज्वाला आत्याधिक तेज और बेरहम होता है।
पर जैसे ही वह अपने लंबे बालो को अपने शरीर में लपेटता वह बहोत ही शान्त और उसके दोनों आँख बंद हो जाते हैं।
मानों वह फिर से अपनी उर्जावान शक्ति एकात्रित कर रहो।
माकू ने कहा- यार मेरे दोस्त.
ये लबें बालों का क्या राज है?
कुछ न कुछ तो इन बालों में है। इतने लंबे बाल, जंगली कहीं का।
कराली- कहती है लगता है इस प्यारे को अपने बालों से बहुत प्यार है।
और मुझे भी इन बालों को देखकर लगता है कि बाल है तो यह है।
जसस– ने कहा
सही कहा- दोस्तों इसके बालों में ही इसका काल है, चलो- इस लाल को उसके काल तक पहुँचाते हैं।

माकू ने कराली के तरफ देखकर कहा और थोड़ा मुस्कुराया, लंबे बाल वाली से तो प्यार है और बालों से भी मुझे प्यार है पर इतने लंबे बाल वाले से नही, हॉ हॉ हॉ।

कराली अपने बालों को देखकर मुस्कुराई और माकू के तरफ देखती है।
माकू दोनों के तरफ देखते हुए कहता है- फिर लगता है कि बाल का खाल निकालना पड़ेगा। हॉ हॉ हॉ।
फिर आपस में तीनों कुछ इशारों से चुपके – चुपके उस लाल दानव के आँखों से ओझल होकर एक- दूसरे को कुछ इशारें कर रहें थें।
माकू ने कराली को देखकर – दो अँगुलियों का इशारा किया – मानों वह कह रहा हो की हम दोनों वार करेगें, पर पहले तुम। तुम पहले, आगे जाओ।
कराली आगे बढ़ती है, और वह अपनी रूप को और भी निखार ली।
कराली- आगे बढ़ती है और रैकिरो के सामने आती है।
कराली सुंदर तो थी ही पर इस समय और भी रूपवती हो गई, वह अपने आप को और भी निखार ली।
सुंदर गोरी काया, पतली कमर, ऊँची लंबी कद, नीली-नीली आँखें, गुलाब की पुंखुड़ी के समान गुलाबी होंठ और लंबी बाल।
मानो वह कोई स्वर्ग की अप्सरा हो, किसी की भी मन को जीत लेने वाली मनमोहनी। जिसे देखकर कोई भी अपना दिल उसे दे,दे और उसे अपनी प्रेमिका बना लें। कराली बहुत ही सुंदर और बहुत प्यारी लग रही थी।
कराली- आगे बढ़ती है और फिर एक बार पीछे मुड़कर देखती है- वह पहले जसस के तरफ देखती है, तो जसस इशरे से कहता है- हम है ना।
फिर माकू के तरफ देखती है- तो माकू मुस्कुराता है और इशारे करते हुए, मानो वह कह रहा हो। आज तो तुम बहुत ही सुंदर
दिख रही हो, तुम आज किसी की जान लोगी। खड़ा अँगूठा दिखाकर कह रहा, सफल होगी तुम। हम सफल होंगे….. हम।
रैकिरो- कराली को अपने ओर आते हुए देखकर बहुत ही शर्मीला हो जाता है। वाह क्या बात है?
आज तो मुझे सचमुच दोस्ती है निभानी, मेरी जान तुम्हारे लिये तो मुझे एक गाना, गाना पड़ेगा। मगर मुझे गाना, गाना नही आता, मेरी जान।
मजबूरन मुझे तुम्हारा दिल तोड़ना पड़ेगा।
हॉ हॉ हॉ।
कराली की प्यार भरी, प्यारी-प्यारी चाल। इन प्यार भरी नजरों में मायाजाल, फँस जाए, जो आए इन नजरों के सामनें, चल न पाए किसी और का चाल।
कराली
उसके सामने आती है और कहती है ओ प्यारे, ले मैं आ गई तेरे पास।
ओ प्यारे, कुछ कर ख्याल इस दिल का, ले चल जहाँ ले जाना है तुझे, क्योंकि मुझे भी है, दोस्ती निभानी।
पर प्यारे, दिल नहीं तोड़ना।
हाय! ऐ तपन, जला डालेगी मुझे और ऐ तुम्हारा लालपन, मुझे भी लाल कर देगी।
रैकिरो– वाह! क्या बात?
तुम पर तो मैं पहले से ही दाँव लगा चुँका हूँ। ओ प्यारी। तुझे तो मैं अपने छोटे उस्ताद- बाँकीमौरा के पास ले चलुँगा। यकीन कर मुझ पर, मैने किया। अपने छोटे उस्ताद के लिए सबकुछ कुर्बान। तुझे भी कर दिया उनके लिए कुर्बान।
हॉ, हॉ, हॉ….रैकिरो, रैकिरो, रैकिरो- रैकिरो है नाम मेरा, रोकना काम है मेरा।
तो चलें मयावी द्वार से मयावी दुनिया।
कराली कहती है –
और प्यारे इन दोनों का क्या? इन दोनों को यहीं छोड़ दें या फिर इन दोनों को भी ले चलें।
रैकिरो- नहीं प्यारी, इन प्यारों के लिए मैंने कुछ अलग ही सोच रखा है। जाने नहीं दूँगा।
मै इस मयावी द्वार का द्वापाल रैकिरो। जाने नहीं दूँगा।
हॉ, हॉ, हॉ….रैकिरो, रैकिरो, रैकिरो- रैकिरो है नाम मेरा, रोकना काम है मेरा।



कराली कहती है तो प्यारे चलें हम !
ये दोनों ने, मुझे बहोत ही परेशान किए। इन्हें छोड़ कर मैं तुम्हारें साथ चलने के लिए आई हूँ। पर..
हाय! ये तपन, सहन नहीं हो पा रही है मुझे।
कैसे मैं तुम्हारे करीब आऊ, पास आऊ।
रैकिरो कहता है –
ओ प्यारी, रूप की रानी, थोड़ा तो सब्र कर ले, कोई जल्दीबाजी नहीं है। पहले इन दोनों को इस तपन का एहसास तो करा दूँ। इन गोरों को लाल तो कर दूँ। और इनसे कुछ मीठे – मीठे बातें करलूँ।
इनकी हिम्मत तो देखलूँ, ये चलें हैं मयावी द्वार पार करने, मुझे हिम्मत वालों से डर नही लगता पर, लोग कहते हैं कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती और इसलिए मैं इन्हें कोई भी कोशिश, ही नहीं करने दूँगा… हॉ हॉ हॉ हॉ
हॉ, हॉ, हॉ….रैकिरो, रैकिरो, रैकिरो- रैकिरो है नाम मेरा, रोकना काम है मेरा।


